इस Post में हम बहुत ही महत्वपूर्ण Topic पर चर्चा करने वाले है कि अगर India
के पास खुद का Currency छापने का Machine है तो फिर अनगिनत Indian Currency छापकर
सारी गरीबी, भुख-मरी और सभी को लाखों करोड़ो Indian Currency देकर यहाँ कि Indian
Government All Indian Persons को चाहे वह Poor या Rich हो, को अमीर क्यों नहीं
बना देती है.
के पास खुद का Currency छापने का Machine है तो फिर अनगिनत Indian Currency छापकर
सारी गरीबी, भुख-मरी और सभी को लाखों करोड़ो Indian Currency देकर यहाँ कि Indian
Government All Indian Persons को चाहे वह Poor या Rich हो, को अमीर क्यों नहीं
बना देती है.
आपके मन में भी कभी इस तरह का Question आया होगा या नहीं भी आया होगा, लेकिन
आप इस Post Topic को पढ़कर सोचने पर मजबूर हो गएँ होंगें. ऐसा करने पर गरीबी,
भूख-मरी, बेरोजगारी इत्यादि पल भर में खत्म हो जाती, लेकिन ऐसा Indian Government
क्यों नहीं कर रही है. आगे मैं आपको जो भी बातें बताने वाला हूँ, उससे पहले आपको
यह एक उदाहरण को समझना होगा. तो चलिए हम Direct Post Topic पर आते है.
आप इस Post Topic को पढ़कर सोचने पर मजबूर हो गएँ होंगें. ऐसा करने पर गरीबी,
भूख-मरी, बेरोजगारी इत्यादि पल भर में खत्म हो जाती, लेकिन ऐसा Indian Government
क्यों नहीं कर रही है. आगे मैं आपको जो भी बातें बताने वाला हूँ, उससे पहले आपको
यह एक उदाहरण को समझना होगा. तो चलिए हम Direct Post Topic पर आते है.
किसी भी Country का चाहे वह India, USA, China इत्यादि का Goods And Service
यानी सामान और सेवा का मूल भाव उस Country के Present Currency के बराबर होती है.
कहने का मतलब कि किसी भी Country में सामान कि किमत उस Country के Present
Currency के बराबर होता है. इसको हम एक उदाहरण के रूप में समझते है.
यानी सामान और सेवा का मूल भाव उस Country के Present Currency के बराबर होती है.
कहने का मतलब कि किसी भी Country में सामान कि किमत उस Country के Present
Currency के बराबर होता है. इसको हम एक उदाहरण के रूप में समझते है.
मान लीजिए Government ने Unlimited Currency छाप दिया जिसे उस Country के All
Persons में वितरण कर दिया, इतना अधिक Currency वितरण कर दिया कि उस Country के
All Persons गरीबी, भूख-मरी और यहाँ तक कि बिना किसी Company, Job इत्यादि में
Work किए बिना अपनी Life को अच्छी से Enjoy कर रहा है और उन्हें किसी भी तरह का
कोई Work करने कि जरुरत नहीं पड़े, जिससे उन्हें उसका Money मिलता हो. मतलब कि उस
देश कि All Persons को और Currency की जरुरत ही नहीं???
Persons में वितरण कर दिया, इतना अधिक Currency वितरण कर दिया कि उस Country के
All Persons गरीबी, भूख-मरी और यहाँ तक कि बिना किसी Company, Job इत्यादि में
Work किए बिना अपनी Life को अच्छी से Enjoy कर रहा है और उन्हें किसी भी तरह का
कोई Work करने कि जरुरत नहीं पड़े, जिससे उन्हें उसका Money मिलता हो. मतलब कि उस
देश कि All Persons को और Currency की जरुरत ही नहीं???
जब सबके पास अपने मन मुताबिक Currency हो गया तो, स्वाभाविक है उस Country के
All Products का Rate भी बढेगा. जहाँ पहले वहाँ पर एक Mouse 120 रुपया में मिलता
है, वही पर अब उस Mouse का Prize Rs. 1000 हो गया है. मतलब कि पहले उस Retailer को
उस Mouse को Sale करने में 10 रुपया का Profit होता था, लेकिन अब सभी के पास जरुरत
से ज्यादा रुपया हो गया है तो स्वाभाविक है वह Retailer अधिक से अधिक Profit को
सोचेगा. इससे होगा कि जब वह Retailer Customer से अधिक Profit ले रहा है तो उस
Product का Row Material का भी अधिक किमत बढ़ जाएगी. सभी ऐसा ही करने लगेगा तो उस
Country में महंगाई इतना बढ़ जाएगी कि इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल साबित होगा.
इससे होगा क्या, कि उस Country के All Persons का उस Country का Currency खत्म
होने लगेगा महंगाई को लेकर??? हर Product का Rate इतना अधिक बढ़ जायेगा कि एक समय
ऐसा आएगा कि वहाँ पर पहले से अधिक गरीबी, भूख-मरी और रोजगारी बढ़ जाएगी.
All Products का Rate भी बढेगा. जहाँ पहले वहाँ पर एक Mouse 120 रुपया में मिलता
है, वही पर अब उस Mouse का Prize Rs. 1000 हो गया है. मतलब कि पहले उस Retailer को
उस Mouse को Sale करने में 10 रुपया का Profit होता था, लेकिन अब सभी के पास जरुरत
से ज्यादा रुपया हो गया है तो स्वाभाविक है वह Retailer अधिक से अधिक Profit को
सोचेगा. इससे होगा कि जब वह Retailer Customer से अधिक Profit ले रहा है तो उस
Product का Row Material का भी अधिक किमत बढ़ जाएगी. सभी ऐसा ही करने लगेगा तो उस
Country में महंगाई इतना बढ़ जाएगी कि इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल साबित होगा.
इससे होगा क्या, कि उस Country के All Persons का उस Country का Currency खत्म
होने लगेगा महंगाई को लेकर??? हर Product का Rate इतना अधिक बढ़ जायेगा कि एक समय
ऐसा आएगा कि वहाँ पर पहले से अधिक गरीबी, भूख-मरी और रोजगारी बढ़ जाएगी.
पहले से ही Two Country ऐसी गलती कर चुके है
जी हाँ, आप ऊपर वाले Topic को सही पढ़ रहे है. यहाँ पर आप इस बात कि कल्पना ही
कर रहे थे और Two Country ऐसे भी है जो ऐसी गलती को करके अपनी फैसला पर पछ्ताप कर
रहे है. World के All Country इस बात को अच्छी तरह से जानते है But Two Country
ऐसे भी है जिनको ये बात रास नहीं आई. वो है First जर्मनी And Second जिम्बाब्वे???
कर रहे थे और Two Country ऐसे भी है जो ऐसी गलती को करके अपनी फैसला पर पछ्ताप कर
रहे है. World के All Country इस बात को अच्छी तरह से जानते है But Two Country
ऐसे भी है जिनको ये बात रास नहीं आई. वो है First जर्मनी And Second जिम्बाब्वे???
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी कि अर्थव्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई थी. युद्ध
करने के लिए जर्मनी ने कई Country से Loan लिया था. युद्ध में हार कि वजह से वह
Loan को चुकाने में असफल हो गया. फिर जर्मनी ने सोचा कि हम खूब सारा Currency को
छापकर Loan को चूका देंगें. फिर जर्मनी ने ऐसा ही किया कि इतना ना अधिक Currency
को छाप दिया कि वहाँ पर Currency कि कोई Value नहीं रह गई और महंगाई इतना बढ़ गई कि
उसके लिए आसमान भी कम पर गया.
करने के लिए जर्मनी ने कई Country से Loan लिया था. युद्ध में हार कि वजह से वह
Loan को चुकाने में असफल हो गया. फिर जर्मनी ने सोचा कि हम खूब सारा Currency को
छापकर Loan को चूका देंगें. फिर जर्मनी ने ऐसा ही किया कि इतना ना अधिक Currency
को छाप दिया कि वहाँ पर Currency कि कोई Value नहीं रह गई और महंगाई इतना बढ़ गई कि
उसके लिए आसमान भी कम पर गया.
कुछ Years के बाद जिम्बाब्वे ने भी इस तरह का ही गलती को दुबारा कर डाला. इतना
ना अधिक Currency छाप दिया कि वहाँ पर Currency का Devaluation हो गया. यानी
Currency कि किमत काफी कम हो गई. जिम्बाब्वे के लोगों को अगर एक अंडा भी Purchase
करना होता था तो उनको एक-एक Bag Money देना पड़ता था.
ना अधिक Currency छाप दिया कि वहाँ पर Currency का Devaluation हो गया. यानी
Currency कि किमत काफी कम हो गई. जिम्बाब्वे के लोगों को अगर एक अंडा भी Purchase
करना होता था तो उनको एक-एक Bag Money देना पड़ता था.
अब आप तो अच्छी तरीके से समझ गए होंगें कि जितना अधिक Currency छपेगी उतना ही
अधिक उस Country में म महंगाई बढ़ेगी और वहाँ पर Currency कि कोई भी Value नहीं रह
जाएगी.
अधिक उस Country में म महंगाई बढ़ेगी और वहाँ पर Currency कि कोई भी Value नहीं रह
जाएगी.
किसी भी Country में One Year में कितना Currency छापना है इसकी जानकारी उस
Country के Central Bank, Government, GDP And उस Country के विकास दर के हिसाब से
यह तय किया जाता है. India में इसकी तय Reserve Bank Of India करती है कि कब कितना
Note को छापना है. पहले 1 रुपया का Note India Government छापती थी, But अब सारी
Notes Reserve Bank Of India (RBI) ही छापती है Indian Government इसकी जिम्मेदारी
इसे ही दे दी है.
Country के Central Bank, Government, GDP And उस Country के विकास दर के हिसाब से
यह तय किया जाता है. India में इसकी तय Reserve Bank Of India करती है कि कब कितना
Note को छापना है. पहले 1 रुपया का Note India Government छापती थी, But अब सारी
Notes Reserve Bank Of India (RBI) ही छापती है Indian Government इसकी जिम्मेदारी
इसे ही दे दी है.
अब आपको इस Question का Answer तो मिल गया कि Government Unlimited Note को
छापकर वहाँ के All Persons को अमीर क्यों नहीं बना देती है.
छापकर वहाँ के All Persons को अमीर क्यों नहीं बना देती है.
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