मदर्स डे कब और क्यों मनाया जाता है एक बहुत ही सुप्रसिद्ध कहावत है कि “ईश्वर सभी जगह नही जा सकते है, इसलिए उन्होने माँ बनाई” बकाई में हमारे जीवन में माँ का एक महत्वपूर्ण और पहला स्थान है, यह वह व्यक्ति है जिनके वदौलत हम इस दुनिया में आए है और इस मनमोहक और सुंदर दुनिया को देख पा रहे है। माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है, जिसमें भगवान खुद वास करते है।

इस आर्टिक्ल में हम आपको बताने वालें है कि मदर्स डे क्यों और कब मनाया जाता है आप भी जानना चाहते है कि मदर्स डे कब है और इसकी मनाने की शुरुआत कैसे हुई तथा इसका इतिहास क्या है तो इन सभी जानकारी को जानने के लिए इस आर्टिक्ल को अन्तिम तक पढ़ते रहे और अपने माँ के लिए अधिक प्रेम और स्नेह की बातें पढ़ते रहे।
दुनिया के लगभग सभी देश जैसे:- भारत, अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, जापान, रूस, ताइवान, सिंगापूर इत्यादि जैसे महादेश में मदर्स डे बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। कई देशो में तो मदर्स डे के दिन राष्ट्रीय अवकाश यानि छुट्टी भी होता है।
एक और बहुत ही सुप्रसिद्ध कहावत है कि “उनके बारें में क्या लिखें, जिन्होनें हमें लिखा है” यह तथ्य सही भी है। माँ के लिए किसी खास दिन की क्या जरूरत वह तो हमारी सबसे प्रिय दोस्त, शिक्षक होती है और हमें सबसे करीब से जानने वाली जननी होती है, लेकिन अपने माँ के प्रति अधिक स्नेह और प्यार दर्शाने के लिए एक दिन तो ऐसा हो जिस दिन हम उन्हे और अधिक सम्मान दे सकें।
हिन्दी भाषा में मदर्स डे को मातृ दिवस के नाम से भी जानते है। भारत में भी हर वर्ष बड़े ही धूम-धाम से मदर्स डे को सेलिबेरेट किया जाता है। हम भारतीय अपने माँ के प्रति सबसे अधिक स्नेह और प्यार दर्शाते है। उनके बिना जीवन ही अधूरा लगता है, पता नही ईश्वर ने उन्हे कैसे बनाया है कि वह अपने बच्चे के लिए सारा दु:ख और तकलीफ को भुलाकर अपना जीवन अपने बच्चे के जीवन बनाने में लगा देती है।
यह वह ईश्वर का दूसरा रूप है जो हमें सबसे करीब से जानती है, अगर हम किसी परेशानी में पर भी जाते है, लेकिन अपने माँ को नही भी बताते है फिर भी यह जान जाती है कि हमारा बच्चा किसी परेशानी से गुजर रहा है। जब हम अपनी समस्या उनके साथ साझा करते है तो वह उसे खतम करने का अपने जीवन का एक लक्ष्य बना लेती है। बकाई में माँ सबसे अनमोल रत्न है।
मदर्स डे कब मनाया जाता है | Mother’s day date 2020
भारत समेत अधिकतर देशों में मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इसकी तारीख हर साल आगे-पीछे होती रहती है, परंतु मई महीने में दूसरा रविवार होती है उसी दिन मदर्स डे यानि मातृ दिवस मनाया जाता है। ऐसा कई साल से चलते आ रही है और आगे भी इसी तरह हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जायेगा।
अगर हम बात करें Mother’s day 2020 date की तो इस वर्ष मई महीने मे दूसरा रविवार 10 मई को होती है, इसलिए Mothers day 2020 इस साल 10 मई 2020 रविवार के दिन मनाया जायेगा। यह एक ऐसा पवित्र दिन होता है जिसे किसी जाति और धर्म से नही जोड़कर हर समुदाय के लोग मदर्स डे को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानकर हर साल मिलजुलकर मानते है।
कुछ ऐसा भी अरब और यूरोपियन देश है जहाँ पर मदर्स डे को हर साल मार्च महीने में ही मनाया जाता है। सभी देश की अपनी-अपनी संस्कृति है, लेकिन हर देश की माँ उतना ही पूजनीय है जितना दूसरे देश की। माँ हमारे लिए किसी एक तय दिन के लिए नही होती है वह हर दिन हमारे लिए उतना ही खास होती है जितना जितना मदर्स डे के दिन होती है।
मदर्स डे क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई
Why Mother’s Day is celebrated and how it started इस पवित्र और अहम दिन की शुरुआत 20वी॰ शताब्दी में अमेरिका से हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि ऐना एम.जर्विस नाम की एक लड़की का जन्म 1 मई 1864 में अमरीका के वेस्ट वर्जिनिया प्रांत में हुई थी। वह अपने माँ से बहुत ही प्यार करती थी उनके पिता का निधन उनके जन्म के थोड़े दिन बाद ही हो गई थी।
ऐना एम. जर्विस की माँ अन्ना रीस जर्विस पेशे से एक शिक्षिका थी। जो कई वर्षों से अमेरिका के एक चर्च में पढ़ाया करती थी। जो संडे स्कूल टीचर के रूप में काम करती थी। एक दिन की बात है ऐना एम. जर्विस की माँ एक दिन चर्च में बाइबिल में लिखी एक “माँ” पर पाठ पढ़ा रही थी। उस दौरान इनकी उम्र लगभग 12 वर्ष थी जो अभी किशोर ही थी।
वह अपनी माँ की बातें को बड़े गौर से सुनने लगी उनकी माँ बता रही थी कि एक दिन ऐसा आएगा जब सब लोग माँ और मातृत्व को मनाने के लिए हर साल एक दिन उनके नाम समर्पित करेगा। उस दौरान कोई ऐसा दिन नही था जब दुनिया के सभी लोग एक साथ अपना एक दिन उनके नाम समर्पित करेगा, उस समय एक ऐसा दिन था जब पिता को समर्पित किया जाता था।
ऐसे ही समय बिताते गया और यह अपने माँ से नई-नई बातें सीखती गई, लेकिन उन्होने अपने माँ के द्वारकही गई बचपन में बातों को कभी नही भूली थी। एक दिन ऐसा आया जब 1907 में अन्ना रीस जर्विस की निधन हो गई थी, उस दौरान ऐना एम. जर्विस का उम्र 40 वर्ष की थी।
अपनी माँ के निधन के दो साल बाद उन्होने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक अभियान चलाया और लोगो को जागरूक किया कि जिनके बदौलत हम इस मनमोहक दुनिया में आये है है क्या उनके लिए साल में एक ऐसा दिन नही हो सकता है जब सब अपने-अपने माँ को उस दिन समर्पित करें और उनसे पुरानी यादें साझा कर सकें और अपने माँ के प्रति अधिक प्रेम दर्शा सकें।
देखते ही देखते उनका अभियान अमेरिका सहित पूरे दुनिया में फैलती गई। हर कोई एक ऐसा दिन की मांग कर रहा था जो माँ के लिए समर्पित हो और वो उनके साथ अपना पूरा समय बिता सकें। उन्होने इसके लिए पूरे दुनिया से अधिक मात्रा में समर्थन हासिल किया। जब बात माँ की आई तो पूरे दुनिया इस अभियान के साथ जुड़ा और अपना समर्थन दिया।
इसके लिए सरकार भी जागरूक हुई और एक दिन ऐसा आया जब 08 मई 1914 को संयुक्त राज्य अमेरिका की संसद ने हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में घोषित किया तथा अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वूड्रो विल्सन ने इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया। तब से आज तक यह प्रथा चलती ही आ रही है।
यह दिन इतिहास के पन्ने में दर्ज हो चुका था और पूरी दुनिया तक यह संदेश जा चुका था कि अब हर साल एक ऐसा दिन होगा जब हम सब माँ के लिए समर्पित करेगे। तब से लेकर अब तक यह यह प्रथा चलती ही आ रही है। अब हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
इस अभियान में ऐना एम. जर्विस की अपने जीवन की सबसे बड़ी जीत हासिल हुई थी उनके जीत में पूरे दुनिया उनके साथ थी और हर कोई उन्हे बधाई और सम्मान दे रही थी। इन्होने से इतिहास में एक ऐसा दिन दर्ज करवा लिया, जिससे हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जायेगा,
मदर्स डे को कलेंडर से हटवाने का अभियान चलाने लगी
लेकिन वह बाजारीकरण के खिलाफ थी, अथार्थ इस दिन एक प्रचालन-सा हो गया था कि इस दिन माँ को महँगे गिफ्ट देना चाहिए, बड़ी-बड़ी पार्टी करना चाहिए, लेकिन इनका मानना था कि इस दिन फुजूल खर्चे करने से अच्छा अपनी माँ को एक फूल देकर उनका सम्मान करें, उनके साथ बचपन कि यादें साझा करें, पूरा दिन उनके साथ बिताये और एक बच्चे की तरह उनके लार-प्यार करें।
अब दुनिया में मदर्स डे के दिन फुजूल खर्चे का प्रचलन सा चलने लगा था जो अब तक चलती आ रही है यह बाजारीकरण और कमाई का एक नया जरिया के खिलाफ थी और इन्होने उनके खिलाफ आन्दोलन चलाने लगी जो मदर्स डे के दिन अपनी कमाई का जरिया बनाते जा रहे थे,
लेकिन उन्हे सफलता नही मिली और यहाँ तक कहा जाता है कि वह अपने अन्तिम दिनों में मदर्स डे को कलेंडर से हटवाने की मुहिम चलाई। इन्हे इसके बाद किसी भी अभियान में सफलता नही मिली और ऐसा करते-करते एक दिन ऐसा आया जब 24 नवम्बर 1948 को 84 साल की उम्र में उनकी निधन हो गई।
मदर्स डे का महत्व | Importance of Mother’s Day
इस दुनिया में आने वाला हर बच्चा सबसे पहले “माँ” शब्द बोलता है उसके बाद ही कोई दूसरा शब्द बोलना सीखता है। माँ सिर्फ एक माता ही नही ईश्वर का पहला रूप होती है यह वह जननी होती है जिनके बदौलत हम इस दुनिया में आ पाते है। यह हमें तब से जानती है जब हम उन्हे देखें भी नही होते है। यह अपने गर्भ में 9 महिना पहले ही बिना हमें देखे प्यार करने लग जाती है।

यह वह जननी होती है जो हमें जन्म देती है, हमें बोलना सिखाती है, हमारे जीवन की पहली गुरु, दोस्त, मार्गदर्शक होते है। माता-पिता भगवान का वह रूप होते है जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है तथा हमारी भरण-पोषण करते है। अगर माँ नही होती तो हमारा अस्तित्व ही नही होता…
अपने बच्चे के लिए यह अपना जीवन सुन्न पर लगा देते है और चाहते है कि हमारा बच्चा हमसे अधिक तरक्की अपने जीवन में करें। इनकी गुस्साहट में भी प्यार छुपी होती है। इनके हाथ का खाना खाना मतलब स्वर्ग में अमृत पीने के समान है। सच में माँ के बिना जीवन की उम्मीद ही नही की जा सकती है, इसलिए हम सबके लिए मदर्स डे बहुत ही खास एक उत्सव की तरह होती है।
मदर्स डे कैसे मनाया जाता है | How is mother’s day celebrated
Mother’s day kaise manaya jata hai भगवान का नाम लो या माँ का बात एक ही होती है। हर साल मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस दिन हम सबके लिए खास दिन होती है, क्योंकि यह वह दिन होता है जब हम उस देवी को समर्पित करते है जिनके बदौलत हम इस दुनिया में आ पाये है। इस दिन लोग माँ के साथ साथ पार्टी करते है केक काटते है, उन्हे उफर भेंट करते है।
माँ के साथ पुजा-पाठ करके हम उस ईश्वर का शुक्रिया अदा करते है जिन्होने हमारी इतनी सुंदर और प्यारी माँ दी है। मदर्स डे के दिन हम चाहे कितना भी बड़े हो जाते है लेकिन माँ के सामने अभी भी एक छोटा बच्चा ही होते है। मदर्स डे के दिन हमारी माँ बचपन की वह शरारती बाते हमारें साथ साझा करते है जो हम शरारत में करते है।
पुरानी बातों को याद करके हमें यह अनुभूति हो जाती है कि काश हम भी अभी तक बच्चे ही होते और शरारत करते और माँ हमसे प्यारी मुस्कान के साथ प्यार देती। वह दिन तो नही आ सकता है लेकिन माँ के लिए एक ऐसा दिन होता है जिसे मदर्स डे यानि मातृ दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इनके लिए किसी एक दिन की क्या जरूरत यह तो हमारें लिए हर दिन खास होती है।
मदर्स डे के लिए गिफ्ट
माँ हमारें लिए स्वयं एक गिफ्ट होती है। इन्हे अपने बच्चे से कोई चीज का लालच नही होती है फिर भी यह अपने बच्चे को कुछ ना कुछ भेंट करती रहती है। मदर्स डे के दिन माँ के लिए सबसे प्यार गिफ्ट उन्हे एक फूल देना होता है,
इसके आलवा आप उन्हे किसी बढ़िया घूमने जाने के लिए टिकिट और जरूरी समान गिफ्ट कर सकते है, पुरानी तस्वीर का एल्बम गिफ्ट अच्छा जरिया है यादें ताजा करने के लिए, खुद के हाथ से बने किसी खास पकवान उनके साथ खा सकते है, बिऊटी प्रॉडक्ट, कपड़ा इत्यादि उन्हे गिफ्ट कर सकते है।
अन्तिम शब्द
आपने इस आर्टिक्ल में Mother’s day kyu aur kab manaya jata hai जाना। आशा करता हूँ आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। मदर्स डे हम सबको मानना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा समय उनके साथ व्यतीत कर बचपन की याद कर माँ को अपने प्रति अधिक प्रेम दर्शना चाहिए।
आपको लगता है कि यह Information सबके साथ Share करनी चाहिए तो इसे Social Media Facebook, WhatsApp इत्यादि पर अवश्य Share करें। शुरू से अंत तक इस Article को Read करने के लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया…
bahut hi mast post hai bhai aapki
i love my mom
have a nice day
Hey Arpi
thank you so much
maa se bada dusra me dusra koi bhi nhi hai