नमस्कार दोस्तों जैसा की हम सभी जानते है की राजनीति के क्षेत्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की क्या भूमिका है। हम सभी ये बात अच्छे से जानते है की इसकी स्थापना देश के आजाद होने से पहले हो गई थी मगर कब इस बात से कई लोग आज भी अनजान है उन्हें इसकी जानकारी आज भी नहीं है। जैसा की हम सभी जानते है देश के आजाद होने के बाद सबसे पहली सरकार जिसकी बनी थी वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की बनी थी मगर क्या आप जानते है इस बीच क्या-क्या हुआ था और कांग्रेस कैस अपने में ही लड़कर अलग हो गई थी और दो भागों में विभाजित हो गई थी। तो अपने आज के इस ब्लॉग में आपको बताने जा रहा हूँ की कैसे कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई और किसने की, क्यों की सबकुछ जानेगे हम आज।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना कब और किसने की (Establishment of Indian National Congress Party)

क्या आप जानते है भारत में कितनी राजनीति पार्टी है अगर नहीं तो आइए जानते है
जैसा की हम जानते है किसी पार्टी की स्थापना के लिए सबसे जरुरी होता है उसके नेता का होना। कांग्रेस पार्टी की स्थापना 1885 में ए0ओ0ह्यूम और उनके 72 साथियों ने अंग्रेज सरकार के इशारे पर ही ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना की थी। उस समय के मौजूदा वाइसराय ‘लॉर्ड डफरिन’ के निर्देश, मार्गदर्शन और सलाह पर ही ‘हयूम’ ने इस संगठन को जन्म दिया था। परन्तु उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी की ये देश की सबसे पड़ी स्वतंत्र पार्टी बन जाएगी। वही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी को बनाया गया। बनर्जी उस समय कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रमुख वक़ील थे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन कब और क्यों हुआ (Partition of Indian National Congress)
जैसा की आपको पता होगा ही जब एक पार्टी होती है तो उसमे कई तरह के लोग होते है कुछ गुस्से वाले तो कुछ नार्मल तो कुछ ऐसे जैसे उनको कोई मतलब ही नहीं हो। ठीक वैसा ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में भी हुआ और एक हिंसा और एक अहिंसा के नाम पर कांग्रेस 1907 में सूरत अधिवेशन में दो भागों में विभाजित हो गई नरम दल और दूसरी गर्म दल।
- नरम दल : इसके अंदर अहिंसा के पक्ष में लोग थे और रासबिहारी घोष को अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया था। जो की अंग्रेजी सरकार से निवेदन करके और प्यार से उनको समझाकर स्वतंत्रता हासिल करना था।
- गर्म दल : इसके नाम से ही आपको पता चल रहा है की इसमें गर्म दिमाग के लोग होंगे जिनको मारा-पीटी करके या हिंसा करके अपनी आजादी चाहिए है। वैसे जहां तक मुझे लगता है गर्म दल आजादी के लिए बेहद जरुरी है क्योंकी कहते है ना लातो के भूत बातों से नहीं मानते है। वही 1907 में सूरत अधिवेशन के लिए गर्म दल अध्यक्ष के रूप में पहले लोकमान्य बालगंगाधर तिलक को और बाद में लाला लाजपत राय बनाने के पक्ष में थे। परन्तु दोनों पक्ष में लड़ाई हो जाने के बादरासबिहारी घोष को1907 में हुए सूरत अधिवेशन का अध्यक्ष बना दिया गया था।
आख़िरकार फिर हमारे वीर जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों ने 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजाद करवा दिए और उसके बाद फिर शुरू हुआ एक नए भारत का। दुनिया की नजर में भारत एक चमकता सितारें के रूप में लोगों का साथ दिया।
आजाद भारत की पहली सरकार (First Government of independent India)

आजाद भारत के सामने अब कई चुनौतियां थी कैसे वो भारत को एकजुट करें मगर उससे पहले पाकिस्तान के जिन्ना ने मांग जो रख दी थी मुस्लिमों को लेकर की हमे एक अलग देश चाहिए। परन्तु इसके बावजूद भारत के राष्टीय पिता मोहनदास कर्मचंद गांधी ने लोगो से काफी अपील की, ऐसे भारत को दो देशों में मत बांटो मगर सत्ता के लालच में जिन्ना ने उनकी एक नहीं सुनी और देश को दो भागों तोड़ दिया जो की बाद में पाकिस्तान बना।
अब दो भागों में भारत का हो जाने के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी की कैसे वे अपने देश को एकजुट करें क्योंकि पाकिस्तान के अलग होने के बाद देश के कई हिस्सों से अलग होने की मांग उठने लगी थी। जिसके बाद भारत के लौह पुरुष सरदार भलाभभाई पटेल ने भारत का एकीकरण किये और देश को टूटने से बचाये। आजाद भारत में पहली सरकार पंडित जवाहर लाल नेहरू की बनी थी। और वह भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।
आज तक के भारतीय प्रधानमंत्री (Indian Prime Minister till date)
नाम | कार्यकाल |
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जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) | अगस्त 15, 1947 – मई 27, 1964 |
गुलजारी लाल नंदा (1898-1997) (कार्यवाहक) | मई 27, 1964 – जून 9, 1964 |
लाल बहादुर शास्त्री (1904-1966) | जून 09, 1964 – जनवरी 11, 1966 |
गुलजारी लाल नंदा (1898-1997) (कार्यवाहक) | जनवरी 11, 1966 – जनवरी 24, 1966 |
इंदिरा गांधी (1917-1984) | जनवरी 24, 1966 – मार्च 24, 1977 |
मोरारजी देसाई (1896-1995) | मार्च 24, 1977 – जुलाई 28, 1979 |
चरण सिंह (1902-1987) | जुलाई 28, 1979 – जनवरी14 , 1980 |
इंदिरा गांधी (1917-1984) | जनवरी 14, 1980 – अक्टूबर 31 , 1984 |
राजीव गांधी (1944-1991) | अक्टूबर 31, 1984 – दिसंबर 01, 1989 |
विश्वनाथ प्रताप सिंह (1931-2008) | दिसंबर 02, 1989 – नवंबर 10, 1990 |
चंद्रशेखर (1927-2007) | नवंबर 10, 1990 – जून 21, 1991 |
पी. वी. नरसिम्हा राव (1921-2004) | जून 21, 1991 – मई 16, 1996 |
अटल बिहारी वाजपेयी (1926-2018) | मई 16, 1996 – जून 01, 1996 |
एच. डी. देवेगौड़ा (1933) | जून 01, 1996 – अप्रैल 21, 1997 |
इंद्रकुमार गुजराल (1933-2012) | अप्रैल 21, 1997 – मार्च 18, 1998 |
अटल बिहारी वाजपेयी (1926-2018) | मार्च 19, 1998 – अक्टूबर 13, 1999 |
अटल बिहारी वाजपेयी (1926-2018) | अक्टूबर 13, 1999 – मई 22, 2004 |
डॉ. मनमोहन सिंह (जन्म-1932) | मई 22, 2004 – मई 26, 2014 |
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (जन्म-1950) | मई 26, 2014 – वर्तमान तक |
ये सूची आजाद भारत के अब तक के प्रधानमंत्रियो की जिन्होंने अपने-अपने कार्यकाल में एक बेहतर नेता थे और है। सभी प्रधानमंत्री का स्वर्गवास हो गया है दो को छोड़कर। पहले डॉ. मनमोहन सिंह (जन्म-1932) में हुआ था और वह अभी भी कांग्रेस के लिए काम कर रहे है। जबकि दूसरे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (जन्म-1950) में आज भी बड़ी मेहनत से देश के लिए काम कर रहे है।