१.रासायनिक समीकरण:- रासायनिक अभिक्रियाँ में भाग लेने वाले पदार्थ को
संकेतो एंव सूत्रों के सहायता के माध्यम से निरुपित करना रासायनिक समीकरण कहलाता
है.
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२.रासायनिक
अभिक्रिया:- जब कोई पदार्थ स्वयं या दुसरे पदार्थ के साथ अभिक्रिया कर एक नये
भिन्न गुण वाले पदार्थ का निर्माण करता है, उसे उसे रासायनिक अभिक्रिया कहते है.
H2+O2—-H2O
३.अभिकारक:-
जब कोई पदार्थ अभिक्रिया कर नई गुण वाले पदार्थ का निर्माण करता है, उसे अभिकारक
कहते है.
४.प्रतिफल:-
अभिक्रिया के फलस्वरूप बने नए पदार्थ का निर्माण प्रतिफल कहलाता है.
५.संयोजन या संश्लेषण अभिक्रिया:- जब दो या दो से अधिक पदार्थ आपस में
संयोग कर एक अकेला पदार्थ का निर्माण करता है, उसे संयोजन या संश्लेषण अभिक्रिया
कहते है.
H2+O2——-H2O
६.मैग्नेशियम
फीते को जब वायु की उपस्थिति में जलाते है तो तब क्या होता है, एंव जलाने से पहले
मैग्नेशियम फीते को रेगमाल से साफ क्यों किया जाता है. यह किस प्रकार का अभिक्रिया
है.
फीते को जब वायु की उपस्थिति में जलाते है तो तब क्या होता है, एंव जलाने से पहले
मैग्नेशियम फीते को रेगमाल से साफ क्यों किया जाता है. यह किस प्रकार का अभिक्रिया
है.
उत्तर:- मैग्नेशियम को जब
वायु की उपस्थिति में में जलाते है तो मौग्नेशियम ऑक्साइड का निर्माण होता है. जो
एक सफ़ेद चूर्ण जैसा बनता है. जलाने से पहले मैग्नेशियम फीते को रेगमाल से
मैग्नशियम फीते पर जमी ऑक्साइड की परत को हटाने के लिए रगड़कर साफ किया जाता है. यह
एक संश्लेषण अभिक्रिया है.
वायु की उपस्थिति में में जलाते है तो मौग्नेशियम ऑक्साइड का निर्माण होता है. जो
एक सफ़ेद चूर्ण जैसा बनता है. जलाने से पहले मैग्नेशियम फीते को रेगमाल से
मैग्नशियम फीते पर जमी ऑक्साइड की परत को हटाने के लिए रगड़कर साफ किया जाता है. यह
एक संश्लेषण अभिक्रिया है.
७.वियोजन या अपघटन
अभिक्रिया:- जब किसी यौगिक के बड़े अणु टूटने से दो या दो से अधिक सरल यौगिक बनता
है एंव जिसका गुण मूल यौगिक के गुण से बिल्कुल भिन्न हो, उसे वियोजन या अपघटन
अभिक्रिया कहते है.
अभिक्रिया:- जब किसी यौगिक के बड़े अणु टूटने से दो या दो से अधिक सरल यौगिक बनता
है एंव जिसका गुण मूल यौगिक के गुण से बिल्कुल भिन्न हो, उसे वियोजन या अपघटन
अभिक्रिया कहते है.
८.वैधुत अपघटन:- कुछ
धातुओ के द्रवित ऑक्साइड एंव क्लोराइड से होकर विधुत-धारा प्रवाहित करने पर वे
अपधटित हो जाते है. इस अभिक्रिया में धातु कैथोड पर और ऑक्सीजन और क्लोरिन गैस
एनोड पर मुक्त होती है.
धातुओ के द्रवित ऑक्साइड एंव क्लोराइड से होकर विधुत-धारा प्रवाहित करने पर वे
अपधटित हो जाते है. इस अभिक्रिया में धातु कैथोड पर और ऑक्सीजन और क्लोरिन गैस
एनोड पर मुक्त होती है.
2Nacl——–2Na+cl2
2Al2o3——–4Al+3o2
2Al2o3——–4Al+3o2
९.एकल विस्थापन अभिक्रिया:- किसी यौगिक में उपस्थित किसी परमाणु या
परमाणुओं के समूह को किसी दुसरे से विस्थापित कर दिया जाता है, उसे एकल विस्थापन
अभिक्रिया कहते है.
Fe+CuSO4——–FeSO4+Cu
Cu+2AgNO3——–Cu(NO3)2+2Ag
१०. उभय-विस्थापन अभिक्रिया:- जब कोई यौगिक अपने आयनों का आदान-प्रदान करके
दो नए यौगिक का निर्माण करता है, उसे उभय-विस्थापन अभिक्रिया कहते है.
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NaCl+AgNO3——-AgCl+NaNO3
११.
उदासीनीकरण अभिक्रिया:- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे कोई अम्ल किसी भस्म के साथ
अभिक्रिया कर लवण और जल बनाती है, उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते HCl-(अम्ल)———NaCl-(लवण)
NaOH-(भस्म)——–H2O-(जल)
१२.प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया:- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जो प्रकाश के
उपस्थिति में घटित होती है, उसे प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया कहते है.
H2+Cl——2Hcl
2Agcl——-2Ag+Cl2
१३.ऑक्सीकरण:-
अवकरण अभिक्रिया:- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया सदैव साथ-साथ होती
है.
१४.ऑक्सीकरण:- वैसी रासायनिक अभिक्रिया तत्व या यौगिक से ऑक्सीजन का संयोग
या किसी यौगिक से हाइड्रोजन का निष्कासन होता है, उसे ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते है.
C+O2———CO2
4Hcl+MnO2——–MnCl2+2H2O+Cl2
१५.अवकरण:-
वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे तत्व या यौगिक से हाइड्रोजन का संयोग या किसी यौगिक
से ऑक्सीजन का निष्कासन होता है, उसे अवकरण अभिक्रिया कहते है.
2H2+O2——–2H2O
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१६.हमारे दैनिक जीवन में ऑक्सीजन एंव अवकरण का उपयोग:-
(1) भोजन का पचना:- हम अपने दैनिक
जीवन में भिन्न-भिन्न प्रकार के भोजन जैसे- आलू, ब्रेड, रोटी, चावल, समोसा इत्यादि
का प्रयोग करते है जिसमे वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, स्टार्च इत्यादि मुख्य रूप
से उपस्थित रहता है. जो पाचन क्रिया के क्रम में टूटकर ग्लूकोस अणु बनाते है जो
श्वसन से प्राप्त ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर कार्बनडाईऑक्साइड और जल का निर्माण
करता है. C6+H12O6+O2——–CO2+H2O+ऊर्जा
(2) भोजन का दुर्गंधित
होना:- भोजन में मुख्यतः कार्बोहाइड्रेड, वसा, स्टार्च इत्यादि मौजूद होता है, जो
वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर अपना स्वाद एंव गंध बदल देता है.
होना:- भोजन में मुख्यतः कार्बोहाइड्रेड, वसा, स्टार्च इत्यादि मौजूद होता है, जो
वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर अपना स्वाद एंव गंध बदल देता है.
*इससे
बचने का उपाय:- भोजन को वायुरुद्ध बर्तन में रखकर या इसमें एक विशेष प्रकार का
सिट्रिक अम्ल जैसा मिला दिया जाता है जिससे की भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेड
एंव वसा का ऑक्सीकरण रुक जाता है.
बचने का उपाय:- भोजन को वायुरुद्ध बर्तन में रखकर या इसमें एक विशेष प्रकार का
सिट्रिक अम्ल जैसा मिला दिया जाता है जिससे की भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेड
एंव वसा का ऑक्सीकरण रुक जाता है.
(3)
संझारण:- पृथ्वी परत पर उपस्थित धातु जब
मुक्त अवस्था में पाई जाती है. ये ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर ऑक्सीकृत हो जाता है.
संझारण:- पृथ्वी परत पर उपस्थित धातु जब
मुक्त अवस्था में पाई जाती है. ये ऑक्सीजन से अभिक्रिया कर ऑक्सीकृत हो जाता है.
(4) दहन की क्रिया:-
किसी पदार्थ का ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर कार्बनडाईऑक्साइड, ऊष्मा एंव प्रकाश
उत्पन करने की क्रिया को दहन कहते है.
किसी पदार्थ का ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर कार्बनडाईऑक्साइड, ऊष्मा एंव प्रकाश
उत्पन करने की क्रिया को दहन कहते है.
C+O2——-CO2+ ऊष्मा+प्रकाश
*ऑक्सीजन
की उपस्थिति में दहन:- मोमबत्ती को जब वायु की अनु उपस्थिति में क्लोरिन के साथ जलाते है तब
कार्बन और हैड्रोक्लोरिक गैस के रूप में उत्सर्जित होती है. C25H52+Cl——-C+HCl
की उपस्थिति में दहन:- मोमबत्ती को जब वायु की अनु उपस्थिति में क्लोरिन के साथ जलाते है तब
कार्बन और हैड्रोक्लोरिक गैस के रूप में उत्सर्जित होती है. C25H52+Cl——-C+HCl
१७. पेट्रोलियम गैस का मिश्रण:- एथेन,
प्रोपेन, ब्यूटेन
प्रोपेन, ब्यूटेन
*अवयव:-
ब्यूटेन C4H10+O2——-CO2+H2O+ऊर्जा
C2H5SH (एथिल
मर्कैप्टन):- यह एक बिषैला गंध होता है जो गैस सिलंडर में मिला दिया जाता है जिससे
कि अगर सिलंडर से गैस का रिसाव हो तो इसके गंघ से पता चल जाता है.
मर्कैप्टन):- यह एक बिषैला गंध होता है जो गैस सिलंडर में मिला दिया जाता है जिससे
कि अगर सिलंडर से गैस का रिसाव हो तो इसके गंघ से पता चल जाता है.
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