बिहारी वाजपेयी ने शुरू किये थे, इस अभियान को शुरुआत करने का सरकार का मकसद (वैसे
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे जिन्हें किसी कारणवश शिक्षा का ज्ञान नहीं मिल
पा रहा है या उन तक शिक्षा कर्मियों की पहुँच नहीं हो पा रही है) के लिए सरकार
ने वर्ष 2000 में इसकी शुभारम्भ किया था I इस अभियान की शुरुआत करने की
मुहीम तब की गई जब देश के सभी शिक्षामंत्री की एक सम्मेलन हुई, जिसमें इस
महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत करने का फैसला लिया गया था?
कमजोर है और उन तक शिक्षा नहीं पहुँच पा रही है. इस अभियान में 6 वर्ष से लेकर 14
वर्ष तक के सभी छात्रों को सम्मिलित कराना है. इसके लिए हर गाँव, कस्वा, पंचायत में
आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय को खोला जाना है जिसकी
दुरी एक दुसरे केन्द्रों से मात्र 1 KM से कम ही होना चाहिए, जिससे की छोटे बच्चे
वहाँ पर स्वयं जाकर पढ़ सके I
अभियान से जुड़ें छात्रों को सरकार से मुफ्त में पठन-पाठन सामग्री, मध्यय भोजन,
वस्त्र, छात्रावास इत्यादि का व्यवस्था किया गया है I साथ ही उस विद्यालय में नल,
शौचालय, योग्य शिक्षक/शिक्षिका और भी कई तरह की सामान्य रूप में अनिवार्य चीजों की
व्यवस्था किया गया है I
I हर मानव के जीवन में शिक्षा का ज्ञान होना अतिअवश्यक होता है, इसके बिना हम किसी
भी चीज की समझ, सही-गलत के बीच की अंतर और खुद को एक शिक्षित व्यक्ति के रूप में
कभी भी प्रभाषित नहीं कर सकते है I सही शब्दों में कहें तो शिक्षा एक ऐसा साधन
है, जो राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक दोनों में अपनी भूमिका निभाता है शिक्षा
नागरिकों को सशक्तिकरण के रूप में उभारता है और उनका लक्ष्य तय करता है I
हम सभी किसी भी चीज की परिभाषा नहीं समझ सकते है, अगर हम सर्व शिक्षा अभियान
की बात करें तो इस अभियान ने लाखों गरीब बच्चे/नौजवान के लिए (जो गरीबी के कारण
पढाई नहीं कर पाते थे) वरदान साबित हुई है I यह अभियान शुरू होने से पहले
भारतवर्ष में साक्षरता दर की बहुत कमी थी, वर्तमान में भारतवर्ष में साक्षरता दर
तेजी से बढ़ रही है I इसका श्रेय सर्व शिक्षा अभियान को जाता है इसके बिना
यह संभव नहीं हो पाता?
जगत में क्रान्ति ला दी है I अब हर कोई इस अभियान से जुड़कर पढ़ना चाह रहा है, खुद
को एक शिक्षित व्यक्ति बनाना चाह रहा है I इस अभियान की शुरुआत हो जाने से
माता-पिता अब लड़के और लड़कियों में फर्क करते हुए नजर नहीं आ रहे है अब वो अपने
लड़के और लड़कियों को एक साथ विद्यालय पढ़ने के लिए भेज रहे है I यह सरकार की सबसे
बड़ी सफलता है कि उन्होंने इस अभियान की शुरुआत कर न सिर्फ साक्षरता दर को बढ़ाया है
बल्कि लड़के और लड़कियों में लिंग भेदभाव को भी दूर किया है I
विद्यालय जरुर है जिसमें सरकार से संचालित की जाने वाली विद्यालयों की संख्या अधिक
है I हम इस कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए निन्मलिखित प्रयास करेंगे :-
जिस विद्यालय में छात्रों
की संख्या अधिक है वहाँ पर और शिक्षक को नियुक्त कराने की माँग करेंगें I जिससे की
सभी छात्र/छात्रा को शिक्षा प्राप्त करने में कम समय का सामना करना नहीं पड़े ?
छात्रों को मिलने वाली
पुस्तके, छात्रवृति, पोशाक राशी इत्यादि की एक समय सारणी बनवायेंगे, जिससे की
छात्रों को समय से ही यह मिल जाएँ I इससे छात्र की पढाई में रूकावट पैदा नहीं हो ?
सरकार से मिली विद्यालय को
सामग्री अगर ख़राब हो जाती है तो उसे तुरंत ठीक कराने का प्रावधान करने की माँग
करेंगे I
v वैसे बच्चे जो अब भी शिक्षा
से बंचित रह गएँ है उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेंगें I
v शिक्षक छात्रों को इस तरह न
पढ़ायें की छात्र सिर्फ परीक्षा सफल के अनुसार ही पढ़ें, बल्कि वो इस तरह पढ़ायें
जिससे कि छात्र अपनी जीवनकाल में रोजगार प्राप्त कर सकें और साथ में दुसरे की मदद
तथा उनको पढ़ा भी सकें I
v सभी शिक्षकों को एक अहम्
कौशल ट्रेनिंग देने की माँग करेंगे, जिससे की शिक्षक छात्रों को दिलचस्प रूप से
पढ़ा सके और छात्रों में सशक्तिकरण, कौशल, विवेक को उजागर कर सके I इससे छात्र अपना
अधिक समय पढाई करने में व्यक्त करेगा और उसमें नई चीजो की सिखने की इक्षा जाहिर
होगी I
v बढ़ती Technology की दुनिया
में सरकार से माँग करेंगें कि सभी विद्यालय में (अतएव वह माध्यमिक विद्यालय क्यों
ना हो) Computer की उचित व्यवस्था करें, जिससे की छात्र छोटी उम्र से ही Computer
का ज्ञान ले सके I
पड़ा?
बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है I मैं बचपन से ही इस कार्यक्रम से जुड़ा रहा हूँ और दूसरों
को भी इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा हूँ I वर्तमान में मैं इस अभियान
से जुड़कर और विद्यालय में पढ़-लिख कर इस काबिल बन गया हूँ कि मैं यह लेख बिना किसी
के सहायता से अपनी शैक्षणिक योग्यता के बल पर सर्व शिक्षा अभियान के बारें
में लिख पाया हूँ I इसका श्रेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी और इसमें सम्मिलित लोगों
को जाता है जिन्होंने सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत कर हम सभी छात्रों को
पढ़ने-लिखने को प्रेरित किया है इसके लिए मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूँ I
राज्य-स्तर पर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वालें के द्वारा लिखा हुआ
पढ़े है. वह कोई नहीं वह मै खुद Rohit Kumar हूँ. मैंने सर्व शिक्षा अभियान इसी
निबंध को लिखकर बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया था, जिसमे मुझे बिहार सर्कार
से स्वर्ण पदक (Gold Medal) और बहुत सारे इनाम से सम्मानित किया गया था.
और मेरे लिखे Article से Motivate हो सकें.
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